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THE UNTAMED: RANTHAMBHORE | JHALANA

यह पुस्तक अभिक्रम शेखावत के 4 सालों के रणथम्भौर नेशनल पार्क व झालाना लेपर्ड पार्क के वन्यजीव फोटोग्राफी के अनुभव को साझा करती है | यह किताब इनके द्वारा लॉकडाउन समय के दौरान लिखी गयी व् 5 माह के अथक...

ग्रेटर हूपु लार्क: तपते मरुस्थल का शोमैन

ग्रेटर हूपु लार्क, रेगिस्तान में मिलने वाली एक बड़े आकार की लार्क, जो उड़ते समय बांसुरी सी मधुर आवाज व् खूबसूरत काले-सफ़ेद पंखों के पैटर्न, भोजन खोजते समय प्लोवर जैसी दौड़ और खतरा महसूस होने पर घायल...

औपनिवेशिक अवधारणा एवं संकटग्रस्त परिदृश्य : बाह्य आक्रामक प्रजातियों का पारम्परिक पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव

स्थानीय वनस्पतिक समुदाय में सीमित प्रजातियों की संख्या के कारण शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क प्रदेश किसी भी बाह्य आक्रामक प्रजाति को पारिस्थितिक रूप से संसाधनों के लिए मजबूत प्रतिस्पर्धा नहीं दे पाते ।...

क्यों राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक बाघों के लिए घर बनाना चाहिए और उनमें ज़िम्मेदारी के साथ बाघों को स्थापित करना चाहिए?

वर्तमान में संरक्षित क्षेत्रों (अभयारण्य / राष्ट्रीय उद्यान) को बाघ अभ्यारण्य में परिवर्तित करने की लगातार मांग हो रही है। वह क्षेत्र भले ही बाघों के लिए उपयुक्त हो या नहीं , लेकिन गैर-सरकारी संगठन,...

स्परफाउल: राजस्थान में मिलने वाली जंगली मुर्गियां

स्परफाउल, वे जंगली मुर्गियां जिनके पैरों में नाख़ून-नुमा उभार होते हैं राजस्थान के कई जिलों में उपस्थित हैं तथा इनका व्यवहार और भी ज्यादा दिलचस्प होता है... पक्षी जगत की मुर्ग जाति में कुछ सदस्य ऐसे...

कुछ परम्परागत प्रथाऐं एवं उनके हानिकारक प्रभाव

विभिन्न वनस्पत्तियों के लिए स्थानीय समूदायों का पारम्परिक ज्ञान हमेशा से ही एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक विरासत है, परन्तु इन समुदायों की कई परम्परायें ऐसी भी हैं जो प्रकृति के संरक्षण की मुहिम की खिलाफत...

राजस्थान में जल संरक्षण की परम्परा

जल संरक्षण का सूक्ष्मता से अध्ययन के लिए आप शेखावाटी के अद्धभुत जोहडों और कुंडो की संस्कृति को आधार बना सकते हो ... राजस्थान के चूरू जिले के गाँवो में जब भी काले बादल छाते है, यहाँ के निवासी अपनी...

राजस्थान में “इंद्रधौक” (Anogeissus sericea Var. sericea) का वितरण

राजस्थान के शुष्क वातावरण में पाए जाने वाला वृक्ष "इंद्रधौक" जो राज्य के बहुत ही सिमित वन क्षेत्रों में पाया जाता है, जंगली सिल्क के कीट के जीवन चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है... राजस्थान जैसे...

राजस्थान के दुर्लभ “नारंगी चमगादड़”

जानिये  राजस्थान के दुर्लभ नारंगी रंग के चमगादड़ों के बारे में जिन्हे चिड़िया के घोंसलों में रहना पसंद है... राजस्थान चमगादडों की विविधता से एक धनी राज्य है। यहाँ थार रेगिस्तान से लेकर अरावली...

कुत्तो का वायरस बाघों के लिए खतरा: कैनाइन मोर्बिली वायरस

कुत्तों से फैला कैनाइन मोर्बिली वायरस या कैनाइन डिस्टेंपर वायरस शेर और बाघ के लिए खतरा बना गया है। यह वायरस कभी भी उनपर कहर बरपा सकता है। अभी तक इसके संक्रमण से जूझ रहे शेर-बाघों को बचाने वाली कोई...

एक दिव्यांग शावक बघेरा: जिसने कभी हार न मानी

हम सब मानते है की, शारीरिक दुर्बलता शिकारी जीवों के लिये उनकी जान की दुश्मन होती है। खासकर एक बडी बिल्ली यदि शारीरिक रूप से विकलांग हो जाए तो उसका जीवित रहना आखिर कब तक संभव होगा? यदि तेंदुए और बाघ...

पीवणा – एक रहस्यमय सर्प मिथक एवं वास्तविकता की कहानी

थार के रेगिस्तान में एक रहस्यमय सांप सोये हुए लोगों को बिना डसे ही मारने के लिए जाना जाता है। पीवणा कि डरावनी कहानियां सदियों से इन रेतीले इलाकों में सुनी और सुनाई जाती रही हैं। मैं और मेरे साथी इस...

कुत्तों की बढ़ती आबादी एवं वन्य-जीवों को खतरा

"कुत्ते निःसंदेह अपने जंगली रिश्तेदारों (भेड़िये एवं जंगली कुत्ते) के समान कुशल शिकारी नहीं होते परंतु फिर भी शिकार के प्रयास में वन्य जीवों को गंभीर रूप से घायल जरूर कर देते  हैं , जो अंततः अपने...

रामगढ विषधारी अभयारण्य–राजस्थान के बाघों का अनौपचारिक आशियाना

हमेशा से बाघों के अनुकूल रहा, राजस्थान का एक ऐसा क्षेत्र जो बाघ पर्यावास बनने को तैयार है लेकिन सरकारी अटकलों और तैयारियों  कि कमी के कारण आधिकारिक तौर पर बाघों से वंचित है। रामगढ़ विषधारी अभयारण्य...

पारिस्थितिक तंत्र ने बदला पंछी का रंग : ब्लैक-क्राउंड स्पैरो-लार्क एवं ऐशी-क्राउंड स्पैरो-लार्क

जाने वो कौनसे कारण है की लार्क की एक प्रजाति ऐशी-क्राउंड स्पैरो-लार्क…

तीज : लाल रंग का सूंदर रहस्यमय जीव

मानसून की कुछ बौछारो के साथ क्या यह लाल रंग का कीडेनुमा जीव भी बरसता है? मेरे स्कूल के दिनों में लगभग हम सभी के मन में यह प्रश्न रहता था…

रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन: राजस्थान में वर्षा ऋतू का मेहमान

बड़ी तादाद और विस्तृत क्षेत्र में पाए जाने वाले मानसून मार्ग प्रवासी पक्षी, रूफस-टेल्ड स्क्रब-रॉबिन अपने सुन्दर पंखो…

घड़ियालों के नए आवास की खोज

टाइगर वॉच द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में, पार्वती नदी में घड़ियालों की एक आबादी की खोज के साथ ही यह पुष्टि की गयी है की पार्वती नदी घड़ियालों के …

पंजाब रेवेन

पंजाब रेवेन, कर्ण कर्कश ध्वनि वाला विस्मयकरक पक्षी है, जिसमे इतनी विवधता पायी जाती है कि इस पर एक ‘कागशास्त्र’ कि रचना कि गई…

पैंगोलिन: अत्यंत दुर्लभ जीव की बढ़ती समस्याएं

एक नजर में दिखने पर किसी को अचम्भित कर देने वाला शर्मीले स्वभाव का वन्यजीव पैंगोलिन राजस्थान में बहुत ही कम तथा सीमित स्थानों पर पाया जाता है, इसकी दुर्लभता के...

लग्गर फॉल्कन: लुप्त होता शाही शिकारी

लग्गर फाल्कन पक्षियों की दुनिया के माहिर शिकारी है जो बेहद कुशलता से अपने शिकार को पहचानने, पीछा करने और मारने में सक्षम है, राजस्थान में हम यदि इस शिकारी पक्षी को नहीं जानते तो हमारा रैप्टर्स के...

टिड्डी या लोकस्ट: दुनिया का सबसे पुराना प्रवासी कीट

टिड्डी दल का आगमन आम तो बिल्कुल नहीं है, वे एक क्रम का पालन करते हुए आते हैं। पहले, एक काफी छोटा झुंड मानो उन्हें भूमि का सर्वेक्षण करने के लिए भेजा गया हो। और फिर आती है एक ऐसी लहर जिसका सिर्फ एक...

अरावली की आभा: मामेर से आमेर तक

अरावली, थार रेगिस्तान को उत्तरी राजस्थान तक सीमित रखे और विशाल जैव-विविधता को सँजोती पर्वत श्रृंखला हिमालय से भी पुरानी मानी जाती है। इसके 800 किलोमीटर के विस्तार क्षेत्र में 20 वन्यजीव अभयारण्य...

चौसिंगा – विश्व का एकमात्र चार सींगो वाला ऐन्टीलोप

एशिया के सबसे छोटे बोविड्स में से एक फोर हॉर्नड ऐन्टीलोप अपनी असामान्य चार सींगो के कारण जहाँ एक ओर लोकप्रिय रहे तो वहीं दूसरी ओर ये इनके संकटग्रस्त होने के कारण भी बने। चौसिंगाया Four-horned...

इंडियन स्पॉटेड-क्रीपर

भारत का स्थानिक, इंडियन स्पॉटेड-क्रीपर एक दुर्लभ वृक्षीय पक्षी जो राजस्थान के शुष्क व् खुले जंगलों में खेजड़ी के पेड़ों पर गिलहरी की तरह फुदकते हुए पेड़ के तने से कीटों का सफाया करता है। इंडियन...

स्मूद कोटेड ओटर– उपेक्षित लुप्तप्राय जलमानुष

स्वस्थ नदी तंत्र के सूचक ऊदबिलाव जलीय खाद्य श्रृंखला में अहम भूमिका निभाते हैं जिसको पहचानते हुए इनके प्रति जागरूकता और संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय डाक सेवा ने अपने नियत डाक टिकट के...

जनता जैव विविधता रजिस्टर

“जनता जैव विविधता रजिस्टर “ हमारी जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान को जानने, उपयोग करने और सुरक्षित रखने के लिए एक परिवर्तनात्‍मक विकेंद्रीकृत दृष्टिकोण है, जो जैव विविधता संसाधनों और पारिस्थितिक...

घास के मैदान और शानदार बस्टर्ड प्रजातियां

भारत में मूलरूप से तीन स्थानिक (Endemic) बस्टर्ड प्रजातियां; गोडावण, खड़मोर और बंगाल फ्लोरिकन, पायी जाती हैं तथा मैकक्वीनस बस्टर्ड पश्चिमी भारत में सर्दियों का मेहमान है, परन्तु घास के मैदानों के...

अनोखी भौगोलिक संरचना: रामगढ़ क्रेटर

क्या आप जाने है राजस्थान में एक क्रेटर है जो एक विशालकाय उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने से बना है, रामगढ़ क्रेटर के नाम से प्रसिद्ध बाराँ जिले की मंगरोल तहसील से 12 किलोमीटर पूर्व दिशा में रामगढ़ गाँव...

राजपूताना मरुभूमि का स्वर्ग: माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य

माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य देश की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक, अरावली पर गुरु शिखर चोटी सहित एक बड़े पठार को आच्छादित करता हुआ रेगिस्तानी राज्य राजस्थान के सबसे अधिक देखे जाने वाले हिल...