कैलादेवी अभ्यारण्य में पायी गयी वेस्टर्न घाट्स में पायी जाने वाली एक वनस्पति जो राज्य के वनस्पतिक जगत में एक नए जीनस को जोड़ती है

रणथम्भौर स्थित टाइगर वॉच संस्था के शोधकर्ताओं ने रणथंभौर बाघ अभयारण्य के कैलादेवी क्षेत्र की जैव विविधता के सर्वेक्षण के दौरान एक दिलचस्प वनस्पति की खोज की जिसका नाम है Elatostema cuneatum तथा राजस्थान राज्य के लिए यह एक नयी वनस्पति है। कैलादेवी अभ्यारण्य में यह पत्थरों पर ऊगा हुआ मिला जहाँ सारे वर्ष पानी गिरने के कारण नमी तथा पत्थरों की ओट के कारण छांव बनी रहती है तथा इसके आसपास Riccia sp और Adiantum sp भी उगी हुई थी। शोधकर्ताओं ने इसके कुछ चित्र लिए तथा इनका व्यापक अवलोकन करने से यह पता चला की इस वनस्पति का नाम Elatostema cuneatum है और शोधपत्रों से ज्ञात हुआ की राजस्थान में अभी तक इसे कभी भी नहीं देखा गया तथा राजस्थान के वनस्पतिक जगत के लिए यह न सिर्फ एक नयी प्रजाति है बल्कि एक नया जीनस भी है। जीनस Elatostema में लगभग ३०० प्रजातियां पायी जाती है जो पूरे उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया में वितरित है। भारत में यह जीनस गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिल नाडु और सिक्किम में पाया जाता है। कैलादेवी अभ्यारण्य से एकत्रित किये गए इसके नमूनों को RUBL (Herbarium of the Rajasthan university, botany lab) में जमा करवाया गया है।

Elatostema cuneatum, पत्थरों पर उगती है जहाँ सारे वर्ष पानी गिरने के कारण नमी तथा पत्थरों की ओट के कारण छांव बनी रहती है।(फोटो: डॉ. धर्मेंद्र खांडल)

Elatostema cuneatum location map

 

Elatostema cuneatum, 15 सेमी तक लम्बी वार्षिक वनस्पति है जिसका तना त्रिकोणीय होता है तथा इसके सिरों पर बारीक़ रोये होते है। सीधी तने से जुडी (sub-sessile) इसकी पत्तियां उत्‍तरवर्धी (accrescent), सिरों से कंगूरेदार-दांतेदार और नुकीली होती हैं। यह वनस्पति अगस्त से अक्टूबर में फलती-फूलती है। राजस्थान में इसका पहली बार मिलना अत्यंत रोचक है एवं हमें यह बताता है की राजस्थान में वनस्पतियों पर खोज की संभावना अभी भी बाकि हैI

संदर्भ:

Dhakad, M., Kotiya, A., Khandal, D. and Meena, S.L. 2019. Elatostema (Urticaceae): A new Generic Record to the Flora of Rajasthan, India. Indian Journal of Forestry 42(1): 49-51.

 

 

 

 

Ms.Meenu Dhakad has worked with Tiger Watch as a conservation biologist after completing her Master's degree in the conservation of biodiversity. She is passionately involved with conservation education, research, and community in the Ranthambhore to conserve wildlife. She has been part of various research projects of Rajasthan Forest Department.