Flora
अरावली के ऑर्किड
राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में कई ऑर्किड प्रजातियां पायी जाती हैं . राजस्थान कांटेदार और छोटी पत्तीदार पौधों से भरपूर हैं परन्तु २० से कुछ अधिक...
आम की बारहमासी फल देने वाली राजस्थान की एक किस्म – ‘सदाबहार’
क्या कोई यह विश्वास करेगा की राजस्थान के एक किसान ने आम की एक ऐसी नई किस्म विकसित की हैं जो वर्ष में तीन बार फल देती है। राजस्थान के ...
राज्यों की बायोजियोग्राफी के आधार पर हुई आंवल-बांवल की ऐतिहासिक संधि
सन 1453 में , एक दूसरे के धुर विरोधी, मेवाड़ के महाराणा कुम्भा और मारवाड़ के राव जोधा को एक जाजम पर बैठा कर बात तो करा दी गई, परन्तु तय होना...
कार्वी: राजस्थान के फूलों की रानी
कर्वी (Storbilanthescallosa) दक्षिणी अरावली की कम ज्ञात झाड़ीदार पौधों की प्रजाति है। यह पश्चिमी घाट और सतपुड़ा पहाड़ियों में एक प्रसिद्ध प्रजाति...
कार्वी: आठ साल में फूल देने वाला राजस्थान का अनूठा पौधा
कार्वी, राजस्थान का एक झाड़ीदार पौधा जिसकी फितरत है आठ साल में एक बार फूल देना और फिर मर जाना… कार्वी एक झाड़ीदार पौधा है जिसे विज्ञान जगत में...
पार्थीनियम: शुष्क प्रदेश के लिए एक अभिश्राप
"पार्थीनियम " आज राजस्थान की दूसरी सबसे अधिक आक्रामक तरीके से फैलने वाली एक खरपतवार है जो यहाँ के आवासों, स्थानीय वनस्पत्तियों और वन्यजीवों के लिए...
राजस्थान में विशाल आकार के वृक्ष, झाडियां एवं काष्ठ लतायेंः एक विवेचन
दुनियाँ में पक्षी अवलोकन (Bird watching or birding), साँप अवलोकन (Snake watching), वन्यजीव छायाचित्रण (Wildlife Photography), वन भ्रमण (Jungle...
राजस्थान के वन
प्रस्तुत आलेख द्वारा जानते हैं, राजस्थान की अनुपम वन सम्पदा के बारे में जो न सिर्फ हमारी अनेक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष जरूरतों को पूर्ण करते हैं...
अरावली के सूंदर एवं महत्वपूर्ण वृक्ष
अरावली राजस्थान की मुख्य पर्वत शृंखला है जो छोटे और मध्य आकर के वृक्षों से आच्छादित है, इन वृक्षों में विविधता तो है परन्तु कुछ वृक्षों ने मानो पूरी...
इन पेड़ों और झाड़ियों के बिना राजस्थान का रेगिस्तान अधूरा हैं
राजस्थान को मुख्यतया दो भागों में बांटा जा सकता हैं - मरुस्थलीय हिस्सा एवं अरावली अथवा विंध्य पहाड़ियों से घिरा भूभाग। मरुस्थल में पौधों के जीवन में...
औपनिवेशिक अवधारणा एवं संकटग्रस्त परिदृश्य : बाह्य आक्रामक प्रजातियों का पारम्परिक पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव
स्थानीय वनस्पतिक समुदाय में सीमित प्रजातियों की संख्या के कारण शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क प्रदेश किसी भी बाह्य आक्रामक प्रजाति को पारिस्थितिक रूप से...
राजस्थान में “इंद्रधौक” (Anogeissus sericea Var. sericea) का वितरण
राजस्थान के शुष्क वातावरण में पाए जाने वाला वृक्ष "इंद्रधौक" जो राज्य के बहुत ही सिमित वन क्षेत्रों में पाया जाता है, जंगली सिल्क के कीट के जीवन...
राजस्थान में खोजी गयी एक नयी वनस्पति: Elatostema cuneatum
कैलादेवी अभ्यारण्य में पायी गयी वेस्टर्न घाट्स में पायी जाने वाली एक वनस्पति जो…
एलो ट्राईनर्विस: राजस्थान की एक नई एलो प्रजाति
राजस्थान के बीकानेर जिले में पायी गई एक नई वनस्पति प्रजाति…
पिम्पा: थार मरुस्थल में उगने वाला सलाद पौधा
पिम्पा, राजस्थान के अत्यंत शुष्क वातावरण में उगने वाला सलाद पौधा जो भू उपयोग में आये बदलाव के कारण…
राजस्थान में पीले पुष्प वाले पलाश
फूलों से लदे पलाश के पेड़, यह आभास देते हैं मानो वन में अग्नि दहक रही है I इनके लाल केसरी रंगों के फूलों से हम सब वाकिफ हैं, परन्तु क्या आप जानते है...
खर्चिया गेंहू: पाली- मारवाड़ की खारी मिट्टी में उगने वाले लाल गेंहू
खर्चिया, पाली जिले की खारी मिट्टी में उगने वाला लाल गेंहू जिसने राजस्थान के एक छोटे से गाँव "खारची" को पुरे विश्व में प्रसिद्धि दिलवाई। राजस्थान के...
राजस्थान की मुख्य दुर्लभ वृक्ष प्रजातियां
दुर्लभ वृक्ष का अर्थ है वह वृक्ष प्रजाति जिसके सदस्यों की संख्या काफी कम हो एवं पर्याप्त समय तक छान-बीन करने पर भी वे बहुत कम दिखाई पड़ते हों उन्हें...
राजस्थान की एंडेमिक वनस्पति प्रजातियां
राजस्थान वनस्पतिक विविधता से समृद्ध राज्य है। जहाँ रेगिस्तान,आर्द्रभूमि,घास के मैदान, कृषि क्षेत्र, पहाड़, नमक फ्लैट जैसे कई प्रकार के प्राकृतिक...
आबू पर्वत के गुलाबों का इतिहास
गुलाब रोजेसी कुल के रोज़ा वंश (Rosa Genus) की एक जानी पहचानी झाडी है। यूँ तो सार्वजनिक उद्यानों से लेकर लोगों के घरों तक में तरह - तरह के...