राजस्थान स्थित मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान के एक फोरेस्टर ने रेड सेंड बोआ (Eryx johnii) और सांडा छिपकली (Saara hardwickii) के मध्य एक रोचक व्यवहार देखा…
सांडा का शिकार करने के लिए बोआ उसके बिल के द्वार पर घात लगा कर बैठ जाता है, ताकि जब भी सांडा बाहर आएगी उस पर हमला कर दिया जाए। सांडा अपना बिल अपने आकार के अनुसार बनाती है तथा ऐसे में यदि कभी बोआ बिल में घुस भी जाए तो सांडा पकड़ने व निगल पाने जितनी जगह नहीं मिल पाती है, इसीलिए यह बिल के बाहर ही इंतज़ार करता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है की सांडा बिल के बाहर ही होती है तब भी बोआ बिल के बाहर बैठ इंतज़ार करता है, क्योंकि सांडा छिपकली खतरा महसूस होने पर अपने बिल की ओर लौटती है। चाहे आसपास कितने भी बिल हो और उसका बिल कितना भी दूर ही क्यों न हो पर वह जाएगी सिर्फ अपने ही बिल में।
एक बार सांडा छिपकली, बोआ के सामने आजाये तो वो उस पर हमला कर, उसके शरीर पर अपनी पूँछ लपेट कर सांडा को जकड लेता है। बोआ एक विषहीन सांप है इसलिए वह अपने शिकार को दम घोंट के मारने की कोशिश करता है।
फिर धीरे-धीरे उसे ज़िंदा निगल जाता है। सांडा की पूँछ पर कांटे होते हैं और इसीलिए बोआ इसे मुँह की तरफ से ही जकड़ता व निगलता है। सांडा को निगल लेने के बाद यदि किसी कारण से बोआ को उसे वापिस उगलना पड़े तो सांडा के कांटे बोआ के लिए मुश्किल भी बन जाते हैं।
Very good….. Thanks for this kind information having full of details…. Best of luck.
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शानदार खोज
Jankri acchi lgi
Nice
Nice Work
फॉरेस्टर कंवराजसिंह भाटी द्वारा हम वन्य जीव प्रेमियों के लिए एक रोचक जानकारी साझा की हैं उसके लिए आभार, धन्यवाद
सुंदर जानकारी💐🙏