वन्यजीवों में “एरिथ्रिज्म”
वन्यजीवों की दुनिया में अक्सर आपने लीयूसिस्टिक (Leucistic), एल्बिनो (Albino) और मिलेनेस्टीक (Melanistic) जीव देखे होंगे, जिनका रंग अपनी प्रजाति के बाकि सदस्यों की तरह न होकर बल्कि बिलकुल सफ़ेद यानि रंगहीन या फिर कई बार अधिक काला होता है। सफ़ेद रंग वाले जीवों को लीयूसिस्टिक और एल्बिनो तथा काले रंग वाले जीवों को मिलेनेस्टीक कहते हैं।
परन्तु क्या आपने कभी इरिथ्रिस्टिक (erythristic) जीव देखे हैं ?
इरिथ्रिस्टिक जीव उनको कहते हैं जो अपनी प्रजाति के बाकि सदस्यों से अलग एक असामान्य लाल रंग के होते हैं और इस प्रभाव को एरिथ्रिज्म (Erythrism) कहते हैं।
एरिथ्रिज्म के मुख्य कारण हैं जेनेटिक म्युटेशन, जो सामान्य रंग को कम या फिर बाकि रंगों को बढ़ा देता है।
इरिथ्रिस्टिक जीव का एक उदाहरण आप इस चित्रकथा में दी गई तस्वीरों में देख सकते हैं। आम तौर पर हाउस स्पैरो में मादा और युवा पक्षी हल्के भूरे-ग्रे रंग के होते हैं, और नर में काले, सफेद और भूरे रंग के होते हैं, लेकिन इरिथ्रिस्टिक स्पैरो में असामान्य नारंगी-लाल के पंख दीखते हैं। इरिथ्रिस्टिक स्पैरो की यह तस्वीर उदयपुर के बेदला गाँव के पास ली गई है।
ऐसे ही बोत्सवाना (अफ्रीका) में एक इरिथ्रिस्टिक तेंदुआ भी देखा गया है जिसे स्ट्रॉबेरी लेपर्ड (Strawberry leopard) के नाम से जाना जाता है क्योंकि उसका रंग अन्य तेंदुओं से अधिक नारंगी-लाल है।