क्या आप इस बात पर विश्वास करेंगे कि, जैसे हम मनुष्य दूध के लिए गाय एवं बकरियों को पालते हैं वैसे ही चीटियां भी विशेष प्रकार के पोषक रस के लिए कुछ कीड़ों को पालती व उनकी देखभाल करती हैं ?
कुछ खास पेड़ों (अमलताश, जूलीफ्लोरा आदि ) के कोमल तनो पर आप बड़ी चीटियों को देखेंगे जो खास तरह के कीड़ो का ध्यान रखती है यह है प्लांट होप्पर्स एवं स्केल इंसेक्ट्स, आप पाएंगे कि, वे चींटे प्लांट होप्पर्स के अंडों व उनके समहू की रक्षा और निगरानी कर रही होती हैं। एक माहिर ग्वाले की भांति यह चींटिया इधर-उधर खोए और भटके हुए कीड़ों को वापस लेकर भी आ रही होती हैं। इन प्लांट होप्पर्स नामक कीड़े एक मीठे रस का स्त्राव करती है जो इन चीटियों के लिए बने बनाये भोजन का एक स्रोत होता है। और इस प्रकार ये कीड़े इन चींटियों के लिए छोटी गाय की तरह काम करते हैं।
यह चींटियों और प्लांट होप्पर्स एवं स्केल इंसेक्ट्स के मध्य विकसित हुई सहजीविता है, जिसमें, कीड़े चींटियों को रस देते हैं और बदले में चींटियां उन्हें विभिन्न प्रकार के खतरों से सुरक्षा प्रदान करती हैं।
वास्तव में प्लांट होप्पर्स एवं स्केल इंसेक्ट्स पेड़ पौधों का रस चूसते रहते ह। पौधों के रस में शर्करा की अत्यधिक मात्रा जमा रहती है जबकि अन्य पोषक तत्व उतनी मात्रा में नहीं होते हैं। लेकिन इन कीड़ों को अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता पूर्ति तक वह रस चूसते रहते है, एवं अतरिक्त शर्करा को चींटियों के लिए बूंदों के रूप में बाहर निकालते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि, ये रस की बूंदें चींटियों को बहुत सटीक रूप से दी जाती हैं। जब चींटी धीरे से अपने एंटीना को कीड़े के शरीर पर फिराती है मनो दूध निकलने के लिए मालकिन गाय को स्नेह से दुलार रही हो। कीड़े रस की बून्द को तब तक पकड़ कर रखते हैं जब तक चींटी उसे पूरा ग्रहण नहीं करले। चींटियाँ इस रस को भोजन के रूप में इस्तेमाल करती हैं और नाइट्रोजन के लिए उन कीड़ों को खाती है जो उनकी गायों के लिए खतरा है।
तो अब चीटियों को मीठा रस और कीड़ों को सुरक्षा मिलती हैं।