बाघ हमेशा पानी में सावधानी से प्रवेश करता है क्योंकि पानी में अनजान खतरे हो सकते हैं।  यहाँ एक बाघिन अपने दो शावकों के साथ रणथम्भोर के एक तालाब के किनारे खड़ी होती है, जहाँ से उसे पानी के मध्य स्थित एक छोटे टापू पर जाना है।
तभी एक शावक छलांग लगा कर उस टापू पर पहुंच जाता है।
शावक को आगे जाता देखा उसकी सुरक्षा में बाघिन को भी उसके पीछे जाना पड़ता है, लेकिन तभी बाघिन को पानी में एक मगरमछ की झलक दिखाई देती है।
वो तुरंत शावकों को वापस जाने के लिए मोड़ लेती है। इस बार सबसे आगे बाघिन रहती है, परन्तु उसका पूरा ध्यान पीछे रहे उसके शावकों पर ही होता है।
माँ के पीछे शावक भी छलांग लगाते हैं पहला शावक पानी में गिर जाता है जिसे देख बाघिन चिंतित हो जाती है और परन्तु शावक तुरंत पानी से बाहर निकल जाता है।
दोनों शावक सही सलामत अपनी माँ तक पहुंच जाते हैं और वो तीनों वहां से चले जाते हैं।