कई बार छोटे पक्षियों को बड़े शिकारी पक्षी (और कभी-कभी स्तनधारी) पर लगातार हमला करते हुए देखा जाता हैं, इस व्यवहार को “मॉबिंग (Mobbing)” कहा जाता है। ये आमतौर पर प्रजनन क्षेत्र, घोंसले, चूजों या अपने भोजन से संभावित शिकारियों को दूर करने के प्रयास में किया जाता हैं।

Photo: Dr. Dharmendra Khandal

मॉबिंग के दौरान छोटे पक्षी अपनी परवाह किए बिना एक साथ शोर मचाते हुए शिकारी पक्षियों को दूर भगाने का प्रयास करते हैं।

जिसमें वे लगातार शिकारी पक्षी के चारों तरफ मंडराते हैं तथा सुरक्षित मौका मिलने पर शिकारी पक्षी के सिर व शरीर के बाकी भाग पर चोंच से चोट मारते हैं या फिर कई बार उनकी पीठ पर चढ़, उनके पंखों को तोड़ने की कोशिश भी करते हैं।

कई बार देखते ही देखते ये सामूहिक रूप से भी हमला कर देते हैं और यह स्थिति बड़े पक्षी के लिए परेशान करने वाली होती है,  क्योंकि इसमें हमला हर तरफ से होता है और ऐसे में शिकारी पक्षी को परेशान होकर अपना स्थान छोड़ना पड़ जाता है।

मॉबिंग शिकारी पक्षी के लिए एक संकेत भी होती है की, उसे पहचान लिया गया है और अब शायद उसे स्थान छोड़ने के लिए मजबूर भी किया जाएगा।

कभी-कभी विशेषज्ञों द्वारा मॉबिंग को किसी तात्कालिक खतरे के बजाय सिर्फ एक शिकारी की उपस्थिति से भी शुरू होते देखा गया है। अतः मॉबिंग छोटे पक्षियों की मनोवृति है जिसमें उन्होंने समझ रखा है की कोई पक्षी अगर शिकारी प्रवर्ति का है तो उसे दूर ही भगाना है।

 

 

Mr. Rajat Chordia is currently pursuing CA and B.com from H.R College, Mumbai. He has a special interest in birds and loves to photograph wildlife.