व्हाइट-नेप्ड टिट (Parus nuchalis) भारत की एक स्थानिक पक्षी प्रजाति है जिसकी वितरण सीमा बहुत ही छोटी है जो देश के केवल पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से में सीमित है। राजस्थान में यह अनेक हिस्सों में मिलती है जिसके बारे में हम इस आलेख द्वारा जानेंगे। वैज्ञानिक साहित्य में उपलब्ध जानकारी बताती हैं कि, यह शुरुआत में सांभर झील के आसपास के क्षेत्र से दर्ज की गई थी (एडम 1873)। परन्तु बाद में, कई शोधकर्ताओं द्वारा इस प्रजाति के वितरण स्थानों और क्षेत्र को दर्ज करने के लिए विस्तृत अध्यन्न किये गए और अब तक यह प्रजाति राजस्थान के 13 जिलों से सूचित की जा चुकी है (शर्मा 2017)।

व्हाइट-नेप्ड टिट (Parus nuchalis) (फोटो: श्री श्याम शर्मा)

जिन जिलों और स्थानों पर यह प्रजाति दर्ज की गई है, उनकी सूची नीचे दी गई है:
क्र.सं.
क्षेत्र
जिला 
उपस्थिति का स्थान 
सन्दर्भ 
1अरावली पहाड़ियां और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रअजमेरसेंदडा, आरक्षित वन, किशनगढ़, रावली -टॉडगढ़, नसीराबाद, रामसर के पास, अजमेर, सौंखलिया, ब्यावर पहाड़ी क्षेत्रwww.rdb.or.id;Hussain et al.,1992; Tiwari, 2001;   Tiwari et al., 2013
2चित्तौड़गढ़बस्सी अभयारण्य , किशन करेरी (तहसील डूंगला)Tiwari et al., 2013
3जयपुरसांभर झील के आसपास, कानोता, नसिया पुराना किला, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (जयपुर), खींची वन क्षेत्र (अचरोल के पास), गोदियाना वन ब्लॉक, झालाना अभयारण्य,  विश्व वानिकी वृक्ष उद्यान, अमृता देवी वृक्ष उद्यान, दांतला वन खंडTiwari et al., 2013 एवं स्वयं प्रेक्षण
4नागौरमारोठ, पांचोटा पहाड़ी क्षेत्र, मकराना, सांभर झील क्षेत्रAdam, 1873; Hussain et al., 1992; Tiwari, 2001; Tiwari et al.,2013
5पालीसेंदरा, देसूरी की नाल, मालगढ़ की चौकी, जोभा गाँव, सुमेर, बरTehsin et al., 2005; Tiwari et al., 2013
6राजसमंदबरवा गाँव (नाथद्वार तहसील), गोरमघाटTiwari, 2007 एवं स्वयं प्रेक्षण
7सीकररुलियाना गाँव (बे और दंता गाँव के बीच में)Sharma, 2004
8सिरोहीमाउंट अबू (देलवारा से अचलगढ़)Butlar, 1875
9उदयपुरसज्जनगढ़ अभयारण्य, जयसमंद अभयारण्य, छावनी के पास वन क्षेत्र, शांति निकेतन कॉलोनी (बेदला-बड़गांव), देवला, जामुनिया की नाल, जंगल सफारी पार्क, माछला मगरा, कलेर आरक्षित वन, नीमच माता, मोती मगरी, थूर मगरा, बेदला के पास का जंगल, चीरवा घाटा, बाघदड़ा नेचर पार्क, उदयसागर वन क्षेत्र, सेगरा वन खंड, बोरडी और देबारी क्षेत्र, कोडियात, बड़ा हवाला गांव, घासा, मेनार, सज्जनगढ़ जैविक उद्यान; कैलाशपुरी, वल्लभनगर (तहसील वल्लभनगर), प्रकृति साधना केंद्र, भीलों-का-बेदला, मादड़ा गाँव, कैलेश्वर महादेव (सुराना गाँव, तहसील गिरवा), झामेश्वर महादेवHussain et al.,1992; Tiwari, 2001; Sharma, 2004; Mehra, 2004; Tiwari, 2007;  Tiwari, et al., 2013; Sharma & Koli 2014; Sharma 2015 & 2016, एवं स्वयं प्रेक्षण
10जालोरसुंडामाता जालोरTiwari et al., 2013
11विंध्य वनों में (अरावली के पूर्व दिशा में)झालावाड़झालावाड़Hussain et al., 1992, Tiwari, 2001
12थार रेगिस्तानी निवासों में (अरावली के पश्चिमी दिशा में)बीकानेरराजस्थान कृषि विश्वविद्यालय कैंपस, बीकानेर में रोजरी गाँव के पास-( श्री गंगानगर सीमा)Dookia, 2007
13जोधपुरजोधपुरHussain et al., 1992

प्रस्तुत सूची से संकेत मिलता है कि, व्हाइट – नेप्ड टिट मुख्य रूप से राजस्थान के अरावली वनों तक ही सीमित है जहां मुख्यरूप से कांटेदार वनस्पतियां पायी जाती हैं। माना जाता है कि, यह कुमठा (Acacia senegal) के वनों में पायी जाती है। अरावली के पूर्व और पश्चिम में इसका वितरण अपेक्षाकृत सीमित है। राजस्थान राज्य में इस प्रजाति की पूरी वितरण सीमा को जानने के लिए आसपास के जिलों के कांटेदार वनों में और अधिक शोध की आवश्यकता है।

व्हाइट-नैप्ड टिट, सालर और कुमठा के पेड़ों पर रहती व घोंसला बनाती है (फोटो: श्री नीरव भट्ट)

IUCN ने वाइट-नेप्ड टाइट को एक संवेदनशील (Vulnerable) प्रजाति के रूप में दर्ज किया है तथा इसके प्राकर्तिक आवास के नष्ट होने के कारण इस प्रजाति के अस्तित्व पर खतरा है। इसे बचाने के लिए कांटेदार वनस्पतियों के संरक्षण के अलावा, मृत पेड़ों के संरक्षण की भी आवश्यकता है। इस प्रजाति के संरक्षण के लिए सालर के पेड़ों (Boswellia serrata) को भी संरक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में हरे-भरे सालार के पेड़ों में मौजूद छिद्रों में व्हाइट – नेप्ड टिट को घोंसला बनाते और रहते हुए देखा जाता है (Sharma & Koli 2014)। इस प्रजाति के संरक्षण के लिए आवश्यक है पुराने वृक्षों और कुमठा के वनों को संरक्षित किया जाए।

सन्दर्भ:
  1. Adam, R.M. 1873: Notes on the birds of Sambhar lake and its vicinity. Stray Feathers 1: 361-404.
  2. Ali, S.& S.D. Ripley 1983 : Handbook of the birds of India and Pakistan. Oxford University Press.
  3. Butler, E.A. 1875: Notes on the avians of Mount Aboo and northern Gujarat. Stray Feathers 3: 337-500.
  4. Dookia, S.2007: First record of Pied Tit Parus nuchalis in Thar desert of Rajasthan. Indian Birds 3(3) : 112-113.
  5. Hussain, S.A., S.A. Akhtar & J.K. Tiwari 1992 : Status and distribution of White-winged Black Tit Parus nuchalis in Kuchchh Gujarat, India. Bird Conservation International, 2 : 115-122.
  6. Mehra, S.P.2004: Sighting of White-naped Tit Parus nuchalis at Udaipur. Newsletter for Ornithologists 5:77.
  7. Sharma, S.K. 2004: New sight records of Pied Tit Parus nuchalis in Rajasthan. JBNHS 100(1):162-163.
  8. Sharma, S.K. 2015: Night roosting on iron poles by the White-naped Tit Parus nuchalis in Udaipur, Rajasthan, India. JBNHS 112(2):100-101.
  9. Sharma, S.K. 2016 : A study on White-naped Tit Parus nuchalis in Sajjangarh Wildlife Sanctuary for conservation of the species. Study report 2016-17. Dy. Conservator  of Forests, Wildlife Division, Udaipur .1-65.
  10. 10 . Sharma, S.K.2017 : White-naped Tit ( Parus nuchalis) in Rajasthan , with special reference to southern parts of  the state. Udaipur Bird Festval 2017-18 Souvenir.
  11. Sharma, S.K. & V.K. Koli 2014 : Population and nesting characteristic of the vulnerable White-naped Tit Parus nuchalis at Sajjangarh Wildlife Sanctuary, Rajasthan, india. Forktail 30: 1-4 .
  12. Tehsin, R.H., S.H. Tehsin & H.Tehsin 2005: Pied Tit Parus nuchalis in Pali district, Rajasthan, India. Indain Birds 1(1):15.
  13. Tiwari, J.K. 2001: Status and distribution of the White-naped Tit Parus nuchalis in Gujarat and Rajasthan. JBNHS 98(1):26-30.
  14. Tiwari, J.K. 2007 : Some observations of sightings and occurrence of Black-winged/ White-naped Tit Parus nuchalis in southern Rajasthan. Newsletter for Bird Watchers 47(5):72-74.
  15. Tiwari, J.K. & A.R. Rahmani 1996: The current status and biology of the White-naped Tit Parus nuchalis in Kutch, Gujarat, India. Forktail 12: 95-102.
  16. Tiwari, J.K., D. Bharjwaj & B.K. Sharma 2013: White-naped Tit Parus nuchalis : A vulnerable species in Rajasthan . In, B.K. Sharma, S. Kulshreshtha & A.R. Rahamani (eds.) Faunal Heritage of Rajasthan, India. Springer New York Heidelberg Dordrecht London. 411-414

 

Cover Photo Credit: Mr. Shyam Sharma