“बड़ी तादाद और विस्तृत क्षेत्र में पाए जाने वाले मानसून मार्ग प्रवासी पक्षी, रूफस-टेल्ड स्क्रब-रॉबिन अपनी सुंदरता के रंग बिखेरने जल्द ही अगस्त में भारत आने वाला हैं, तो तैयार हो जाइये जल्द ही इसे देखने के लिए”

राजस्थान में विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षी आते हैं कुछ सर्दियों में अत्यधिक ठण्ड से बचने के लिए तो कुछ वर्षा ऋतू में प्रजनन के लिए यहाँ आते हैं। परन्तु कुछ पक्षी ऐसे भी हैं जो यहाँ से गुजरने वाले पर्यटक होते हैं जो लम्बी दुरी तय करने के दौरान बीच में किसी एक स्थान पर कुछ दिन के लिए रुक जाते हैं। ऐसा ही एक पर्यटक पक्षी जिसका नाम “रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन” जल्द ही (अगस्त) में राजस्थान में आने वाला है तथा इसे दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान यानि थार-मरुस्थल और रणथम्भौर (सवाई माधोपुर) व इसके आसपास के इलाकों में देखा जा सकता है। रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन, खुले-खुले पेड़ों और झाड़ियों वाले शुष्क प्रदेश में मिलने वाला एक कीटभक्षी पक्षी है जो अपनी लंबी, गहरे भूरे रंग की पूंछ द्वारा पहचाना जाता हैं, जिसे वह अक्सर ऊपर-नीचे हिलाता और फैलाता है।

रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन, पृथक पेड़ों और झाड़ियों वाले शुष्क प्रदेश में मिलने वाला एक कीटभक्षी पक्षी है (फोटो: डॉ. धर्मेंद्र खांडल)

वर्गिकी एवं नाम उत्‍पत्ति (Taxonomy & Etymology):

रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन (Cercotrichas galactotes) एक मध्यम आकार का पक्षी है जो पक्षी जगत के Muscicapidae परिवार का सदस्य है। इसे रूफस स्क्रब रॉबिन, रूफस बुशचैट, रूफस बुश रॉबिन और रूफस वॉबलर नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 1820 में Coenraad Jacob Temminck ने रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन को द्विपद नामकरण पद्धति के अनुसार Cercotrichas galactotes नाम दिया। Temminck एक डच जीव वैज्ञानिक और संग्रहालय निदेशक थे। इसका वैज्ञानिक नाम “Cercotrichas galactotes” एक ग्रीक भाषा का नाम है, जिसमें Cercotrichas ग्रीक भाषा के शब्द kerkos से लिया गया है जिसका अर्थ “पूँछ” होता है, तथा “galactotes” ग्रीक भाषा के शब्द “gala” से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दूध जैसा।

जर्मन वैज्ञानिक Johann Friedrich Naumann जिन्हे यूरोप में वैज्ञानिक पक्षी विज्ञान के संस्थापक के रूप में जाना जाता है द्वारा बनाया गया चित्र।

निरूपण (Description):

इस रॉबिन में वयस्क नर और मादा एक जैसे ही दिखते हैं और सिर से पूँछ तक यह लगभग 6 इंच (150 मिमी) लंबे होते हैं तथा इनके पैर शरीर की अपेक्षा लम्बे होते हैं। इसके शरीर का ऊपरी भाग (पृष्ठ भाग) ललाई लिए भूरे रंग (चेस्टनट) का होता है। इसकी नाक से होते हुए आँख के पीछे तक एक हल्की घुमावदार क्रीम-सफ़ेद रंग की लकीर और आँख के पास एक गहरे भूरे रंग की लकीर होती है, तथा आँख का निचला हिस्सा सफेद रंग का होता है। आंख और चोंच दोनों ही भूरे रंग के होते हैं लेकिन चोंच का निचला हिस्सा ग्रे रंग का होती है। पूँछ के ठीक ऊपर का शरीर (Rump) और अप्परटेल कोवेर्ट्स बादामी रंग के होते हैं। शरीर का निचला भाग (अधर भाग) भूरे-सफेद रंग का होता है, परन्तु ठोड़ी, पेट और अंडर टेल कोवेर्ट्स अन्य भागों की तुलना में हल्के रंग के होते हैं।

इसके पंख गहरे भूरे रंग के होते हैं, जो सिरों से हल्के बादामी रंग और पीछे के किनारे ब्राउन होते हैं और सेकेंडरिस के सिरे सफ़ेद होते हैं। इसकी पूँछ के बीच वाले पंख (केंद्रीय) पंख चटक चेस्टनट रंग के होते हैं जिनके सिरों पर छोटी-सकड़ी काली पट्टी होती हैं तथा पूँछ के बाकि पंख चेस्टनट रंग के साथ सिरों से सफ़ेद रंग के होते हैं।

रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन को अक्सर खुले इलाको में जमीन पर घुमते हुए देखा जा सकता हैं और अपनी पूँछ को ऊपर-निचे हिलाता हैं फैलता है (फोटो: श्री नीरव भट)

इनके किशोर दिखने में लगभग वयस्क जैसे ही होते हैं लेकिन आमतौर पर इनके शरीर का रंग रेतीला-भूरा होता हैं। शरद ऋतु में यह मॉल्टिंग (अपनी पूँछ के पंख गिरा देते हैं) करते हैं तथा इससे कुछ दिन पहले ही इनकी पूंछ के पंखों के सफेद सिरे कम या बिलकुल गायब हो जाते हैं।

इसकी आवाज कुछ हद तक लार्क जैसी होती हैं, कभी-कभी स्पष्ट और तेज तो कभी हल्की। यह एक ऊँचे स्थान पर पेड़ के शीर्ष पर बैठकर आवाज करता है तथा ऐसा कहा जाता है कि, इसका गीत निराश व् उदास स्वर वाला होता है।

इसकी आवाज कुछ हद तक लार्क जैसी होती हैं, कभी-कभी स्पष्ट और तेज तो कभी हल्की। (फोटो: श्री नीरव भट)

वितरण व आवास (Distribution & Habitat):

इसकी प्रजनन रेंज पुर्तगाल, दक्षिणी स्पेन और बाल्कन प्रायद्वीप से लेकर मध्यपूर्व से इराक, कजाकिस्तान और पाकिस्तान तक फैली हुई है तथा यह एक आंशिक प्रवासी पक्षी है जिसकी दक्षिण की ओर जाने वाली आबादी भारत से होकर गुजरती हैं। यह उत्तरी यूरोप के लिए एक असामान्य पर्यटक है। सर्दियों का समय यह उत्तरी अफ्रीका और पूर्व में भारत में बिताते हैं। यह निचले तलहटी वाले खुले शुष्क इलाकों जिनमे घनी झाड़ियां पायी जाती हैं में पाए जाते हैं तथा कई बार यह पार्को और बागों में भी पाया जा सकता है।

यह पक्षी बहुत ही व्यापक रूप से वितरित है और भौगोलिक स्थितियों व मौसम के कारण इसके रंग-रूप में हल्के-फुल्के अंतर भी मिलते हैं, तथा इन्हीं अंतरों के आधार पर विभिन्न वैज्ञानिको ने इसकी पांच उप-प्रजातियां बनायीं हैं; Cercotrichas galactotes familiaris, Cercotrichas galactotes galactotes, Cercotrichas galactotes hamertoni, Cercotrichas galactotes minor and Cercotrichas galactotes syriaca. ऐसा माना जाता है कि, भारत में C. g. familiaris उप-प्रजाति पायी जाती है, यह दक्षिणी-पूर्वी प्रवासी है जो की अगस्त और सितंबर के महीने में राजस्थान, गुजरात, पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में देखने को मिलती है। राजस्थान में इस प्रजाति को थार-मरुस्थल; जैसलमेर और सवाई माधोपुर में देखा जाता है।

रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन वितरण दर्शाता मानचित्र (Source: Grimett et al 2014)

व्यवहार एवं परिस्थितिकी (Behaviour & Ecology):

रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन घनी वनस्पति वाले पर्यावास और खुले स्थानों पर भी पाए जाते हैं। खुले इलाको में इन्हे अक्सर जमीन पर घुमते हुए देखा जा सकता हैं और अपनी पूँछ को फैला कर ऊपर-नीचे हिलाता है। यह मुख्य रूप से बीटल्स, टिड्डों, तितलियों व पतंगों के लार्वा, छोटे कीटों और केंचुओ को खाते हैं, तथा अपने भोजन को खोजने के लिए यह नीचे पड़ी हुई पत्तियों को उलट-पलट करते हैं। अक्सर नर रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन एक असामान्य उड़ान का प्रदर्शन करते हैं जिसमें ये अपने पंखों को ऊपर किये हुए एकदम से नीचे की और जाते हैं और साथ ही आवाज करते हैं।

यह एक ऊँचे स्थान पर पेड़ के शीर्ष पर बैठकर आवाज करता हैं तथा ऐसा कहा जाता हैं की इसका गीत निराश व् उदास स्वर वाला होता है। (फोटो: श्री नीरव भट)

संरक्षण स्थिति (Conservation status):

रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन की एक व्यापक रूप से वितरित पक्षी है, जिसका अनुमानित विस्तार 4.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर (1.66 मिलियन वर्ग मील) है, और एक बड़ी आबादी (96 से 288 हजार), यूरोप में उपस्थित है। इन सब आकड़ों के साथ इनकी आबादी स्थिर भी है तथा इसीलिए IUCN रेड लिस्ट में इसको लिस्ट कंसर्न श्रेणी में रखा गया है।

तो बस यदि आप भी राजस्थान, गुजरात व दिल्ली में रहते हैं तो आने वाले हफ़्तों में इस बरसाती मेहमान को देखने के प्रयास करें और इसके सुंदरता का आनंद ले।

सन्दर्भ:
  • Sharma, N. 2017. First record of Rufous-tailed Scrub Robin Cercotrichas galactotes (Aves:Passeriformes: Muscicapidae) from Jammu & Kashmir, India. Journal of Threatened taxa. 9(9):10726-10728.
  • http://orientalbirdimages.org/search.php?Bird_ID=2562&Bird_Image_ID=108219
  • https://timesofindia.indiatimes.com/city/gurgaon/birders-cheer-sighting-of-rare-rufous-tailed-scrub-robin/articleshow/65554990.cms
  • Naumann. F. Naturgeschichte Der Vogel, Mitteleuropas. Herausgegeben von Dr. Carl R. Hennicke in Gera. II. Band.
    (Grasmücken, Timalien, Meisen und Baumläufer.). LITHOGRAPHIE, DRUCK UND VERLAG VON. FR. EUGEN KÖHLER.