नर बाघ भी अपने शावकों के प्रति प्रेम दर्शाते हैं। रणथम्भोर में एक बाघ, मादा के क्षेत्र में आ कर दहाड़ लगाता है, मानो किसी से मिलने के लिए बेताब है।

कुछ समय पश्च्यात नर की उस पुकार पर, एक बाघिन अपनी शाविका के साथ उस स्थान पर आती है।

मादा बाघिन नर के व्‍यवहार पर किंचित आशंकित है, अतः पहले पानी के नाले पर जाकर पानी पीती है, और मोके का जायजा लेती है।

मादा अभी भी पूरी तरह आशवस्त नहीं है कि नर कैसे व्यव्हार करेगा और नर के मानसिक व्‍यवहार का अवलोकन करती है।

शाविका नर की तरफ बढ़ती है, मादा दूर से देखती है परन्तु नर बाघ के सामने वह आत्मसमर्पित महसूस करती है।

नर एवं शाविका एक दूसरे से प्रेम दर्शाते है।

यदपि इसके बाद  का चित्र इस कथा चित्र में नहीं है परन्तु मादा बाघिन तुरंत दोनों के मध्य आकर इन्हे अलग करती है एवं शाविका को नर से दूर ले जाती है।

 

Dr. Dharmendra Khandal is working as a conservation biologist with Tiger Watch - an organisation based in Ranthambhore, for two decades. He spearheads all anti-poaching, community-based conservation and exploration interventions for the organisation.