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गिद्धों का नया सुरक्षित आश्रय स्थल : ठेकरा गौशाला, करौली

प्राचीन काल से गाय का हिन्दू संस्कृति में अपना एक विशेष स्थान है परन्तु आज के समय इनकी बात करना आधुनिकता के खिलाफ और प्राचीन मानसिकता का द्योतकमान लिया जाता है। यदि आप पारिस्थितिक तंत्र की हलकी सी...

गोडावण संरक्षण के संदर्भ में तीन संरक्षणवादियों के विचार  

  गोडावण कन्जर्वेशन में जब कैप्टिव ब्रीडिंग प्रोग्राम शुरू हुआ तो लगने लगा गोडावण के संरक्षण में अब गति आएगी,  परन्तु यह काम यही तक सिमित रह गया और पिछले दिनों हुई ब्रीडिंग सेंटर पर हुई गोडावण...

पक्षियों द्वारा दिया जाता है प्रेम उपहार (Nuptial gift)

जटिल और सुंदर आवाज अथवा मुश्किल नृत्य के माध्यम से पक्षियों में अपने संगी को रिझाना एक अत्यंत सामान्य प्रक्रिया है।  परन्तु क्या आप जानते है 'प्रेम उपहार' (नुपिटल गिफ्ट) भी एक तरीका है, जिसमें पक्षी...

आओ जैव वैज्ञानिक रेकार्ड बनायें

विज्ञान से सरोकार रखने वाले लोग प्रकृति में जब भी घूमते हैं या अवलोकन करते हैं तो वे प्रेक्षण लेते रहते हैं। ये प्रेक्षण वीडियों, सेल्फी, फोटो, आंकडों, संस्मरण, नोट, चित्र या आरेख के रूप में या किसी...

हिचड़कावा: एक विशाल झींगुर

राजस्थान में एक विचित्र नाम का कीट हैं -हिचड़कावा, यह असल में एक विशाल झींगुर हैं, जो रेतीली सतह- धोरों, नदियों के किनारे आदि पर मिलता हैं। हिचाड़कावा क्या नाम हुआ ? असल में इस विचित्र दिखने वाले...

अरावली के ऑर्किड

राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में कई ऑर्किड प्रजातियां पायी जाती हैं . राजस्थान कांटेदार और छोटी पत्तीदार पौधों से भरपूर हैं परन्तु २० से कुछ अधिक ऑर्किड...

टाइगर गोल्ड : श्री वाल्मीक थॉपर की रणथम्भौर के बाघों पर एक नई पुस्तक

  श्री वाल्मीक थॉपर ने दुर्लभ बाघ व्यवहार दर्शाने वाले छाया चित्रों के संग्रह के साथ अनोखी पुस्तक का प्रकाशन किया है. इस पुस्तक में बाघों के आपसी टकराव, शिकार, बच्चों के लालन पालन, प्रणय,...

लम्पी गायों के लिए एक अत्यंत घातक रोग : क्या करे? कैसे बचाये अपने पशु धन को ?  

लम्पी स्किन डिजीज यानि गुमड़दार त्वचा रोग जो मवेशियों का एक संक्रामक वायरल रोग है, जो अक्सर एपिज़ूटिक रूप में होता है। एपिज़ूटिक यानि किसी पशु प्रजाति में  व्यापक रूप से कोई बीमारी का प्रसार। आज कल...

भींग: एक निर्भीक बीटल

भीं भीं भीं ''''''''' की निरंतर आवाज करते हुए यह भारी भरकम बीटल निर्भीक तौर पर दिन में उड़ते हुए दिख जाते हैं।स्टेरनोसरा क्रिसिस (Sternocera chrysis) को राजस्थान में भींग कहा जाता हैं।  इनका ऊपरी...

मरुस्थल से घिरे छप्पन्न के पहाड़ : Siwana Hills 

राजस्थान के मरुस्थल की कठोरता की पराकाष्ठा इन  छप्पन्न के पहाड़ों में देखने को मिलती हैं।यह ऊँचे तपते पहाड़ एक वीर सेनानायक की कर्म स्थली हुआ करता था। उनके लिए...

राजस्थान का एक सुनहरा बिच्छू : बूथाकस अग्रवाली (Buthacus agarwali)

राजस्थान के सुनहरे रेतीले धोरों पर मिलने वाला  एक सुनहरा बिच्छू जो मात्र यहीं पाया जाता हैं ......................................... राजस्थान के रेगिस्तान में ऐसे तो कई तरह के भू-भाग है, परन्तु...

 पत्थर इकट्ठा करने वाला रहस्यमय ककरगड़ा सांप    

सवाई माधोपुर - करौली ज़िलों के आस पास के लोग एक रहस्यमय सांप के बारे में अक्सर चर्चा करते है, जिसे वे ककरगड़ा के नाम से जानते है।  उनके अनुसार यह सांप अपने बिलों के आस पास कंकर इकट्ठे करता है। इन...

राजस्थान के खोये हुए तीन चमगादड़ प्रजातियों की कहानी  

पिछले लगभग 150 वर्षों से राजस्थान राज्य में चमगादड़ की तीन प्रजातियां को देखा नहीं जा सका हैं। अनेकों सर्वे, खोज यात्रा, अध्ययन के बाद भी आज तक इन तीनो प्रजातियों का कोई अता पता नहीं लगा है।...

राजस्थान के धागे जैसे पतले थ्रेड स्नैक्स (Thread snake)

लोगो का सांपों के प्रति दो प्रकार से व्यवहार देखा गया है, कुछ लोग इनसे अत्यंत लगाव रखते हैं और हर मौके पर सांपों की चर्चा करते हुए नहीं थकते हैं, और दूसरे वे जो केंचुओं जैसे दिखने वाले निरीह ब्लाइंड...

राजस्थान के अंतिम जंगली चीता की कहानी

कई विवादों और शंकाओं के बीच भारत देश में अब चीता को पुनः स्थापित किया जाने वाला हैं। राजस्थान राज्य के कुछ क्षेत्र भी इसके लिए उपयुक्त माने गए हैं। परन्तु क्या आप जानते हैं की राजस्थान में अंतिम...

आम की बारहमासी फल देने वाली राजस्थान की एक किस्म – ‘सदाबहार’ 

  क्या कोई यह  विश्‍वास करेगा की राजस्थान के एक किसान ने  आम की एक ऐसी नई किस्म विकसित की हैं जो वर्ष में तीन बार फल देती है।   राजस्थान के  कोटा शहर के...

राज्यों की बायोजियोग्राफी के आधार पर हुई आंवल-बांवल की ऐतिहासिक संधि

  सन 1453 में , एक दूसरे के धुर विरोधी, मेवाड़ के महाराणा कुम्भा और मारवाड़ के राव जोधा को एक जाजम पर बैठा कर बात तो करा दी गई, परन्तु तय होना बाकि था, कि...

राजस्थान की वन्यजीवों से टक्कर लेने वाली गाय की नस्ल : ‘नारी’

  राजस्थान में गाय की एक नस्ल मिलती है जिसे कहते है 'नारी', शायद यह नाम इसकी नाहर (Tiger) जैसी फितरत होने के कारण पड़ा है। सिरोही के माउंट आबू  क्षेत्र की तलहटी में मिलने वाली यह माध्यम आकर की...

वेडर्स ऑफ द इंडियन सबकॉन्टीनैन्ट: भारतीय उपमहाद्वीप के परिप्रक्ष में एक बेहतरीन सन्दर्भ ग्रन्थ

जलाशयों के किनारे-किनारे, जल रेखा व कीचड़युक्त आवास को पसंद करने वाले पक्षियों को ‘‘वेडर्स’’ नाम से जाना जाता है। इस वर्ग के पक्षी तैरते नहीं हैं बल्कि पानी के किनारे-किनारे या कुछ दूर पानी या कीचड़...

कार्वी: राजस्थान के फूलों की रानी

कर्वी (Storbilanthescallosa) दक्षिणी अरावली की कम ज्ञात झाड़ीदार पौधों की प्रजाति है। यह पश्चिमी घाट और सतपुड़ा पहाड़ियों में एक प्रसिद्ध प्रजाति है, लेकिन राजस्थान के मूल निवासियों से ज्यादा परिचित...

वन्य जीवों के रक्षक :  रणथम्भौर के रेस्क्यूमैन

"वन्य जीव संरक्षण में रेस्क्यू करने वालों का हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है जो अपनी जानपर खेल कर मुश्किल में फसे वन्यजीवों को सुरक्षित निकालकर उनकी व स्थानीय लोगों की रक्षा करते हैं  | ऐसे...

पाना – पाना में पानरवा !! “फुलवारी अभ्यारण की एक रोमांचक यात्रा”

अगस्त 1986 में एक दिन कमलनाथ पर्वत और फिर जाडापीपला गांव से जंगलों की पैदल यात्रा करता हुआ मैं ढाला गाँव पहुँचा | यहाँ से पानरवा पहुँचने के लिये एक ऊँचा पर्वत चढकर और फिर एक दूसरे पहाड के बीच से एक...

राजस्थान में सर्पदंश से जुड़े मुद्दे और मुश्किलें

राजस्थान देश का विशालतम राज्य है, जहाँ हर वर्ष हज़ारों लोग सर्प दंश से मारे जाते है। सांपो के बारे में कुछ लोग अज्ञानतावश और कई लोग अपने स्वार्थ के लिए भ्रामक...

कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य कितने करोड़ों की सेवाएं देता है ?

"जंगल असीम प्रेम के स्रोत हैं। यह सभी को सुरक्षा देते हैं ये उस कुल्हाड़ी को भी लकड़ी का हत्था देते है, जो जंगल को काटने के काम आती है। "  (भगवन बुद्ध) राजस्थान के करौली जिले की अर्ध-शुष्क विंध्य...

घर-घर औषधि योजना: आमजन के स्वास्थ्य के लिए सरकार की एक पहल

हाल ही में राजस्थान सरकार ने आमजन के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने के लिए "घर-घर औषधि योजना" का प्रारम्भ किया है जिसके अंतर्गत औषधीय पौधों को आम जनता में निशुल्क वितरित किया जाएगा ताकि जब भी आमजन को...

रणथम्भौर में अनाथ बाघ शावकों का संरक्षण

बाघिन के  मर जाने पर उसके बच्चों को पिता के रहते हुए भी अनाथ मान लिया जाता था और उनके बचने की सम्भावना को बहुत ही निम्न माना जाता था। ऐसे में रणथम्भौर के वन प्रबंधकों ने कठिन और चुनौतियों से भरी...

सरिस्का की समग्र सफलता का रास्ता और कितना लम्बा?

क्या सरिस्का में बाघों की संख्या में हुई वृद्धि इसकी समग्र सफलता का एक पैमाना हो सकती है ? या फिर अभी भी सरिस्का को एक सतत पारिस्थितिक तंत्र बनने के लिए काफी लम्बा सफर तय करना है ? हाल ही में...

कार्वी: आठ साल में फूल देने वाला राजस्थान का अनूठा पौधा

कार्वी, राजस्थान का एक झाड़ीदार पौधा जिसकी फितरत है आठ साल में एक बार फूल देना और फिर मर जाना… कार्वी एक झाड़ीदार पौधा है जिसे विज्ञान जगत में "स्ट्रोबाइलैंथस कैलोसा (strobilanthes callosa)" कहा जाता...

वन्यजीवों की सेवा के लिए मैं हूँ, सदैव तत्पर

"आइये जानते हैं श्री सोहनराम जाट के बारे में, एक ऐसे वनरक्षक के बारे में जिन्हें अपने परिवार से ज्यादा प्यारे हैं वन्यजीव और जो 365 दिन रहते हैं ऑन ड्यूटी..." राजस्थान के चुरू जिले के सुजानगढ़ तहसील...

महामारी के दौर में कैसे रहें? मोर से सीखे कुछ सबक !!

जाने कैसे खुद को बिमारी के संक्रमण से बचाने के लिए मोर करते हैं सोशल डिस्टेंसिंग और बन जाते हैं आत्मनिर्भर… भारतीय मोर सदियों से राजस्थानी परिदृश्य का एक विशेष अंग रहा है, जहाँ एक ओर राजस्थानी...

पार्थीनियम: शुष्क प्रदेश के लिए एक अभिश्राप

"पार्थीनियम " आज राजस्थान की दूसरी सबसे अधिक आक्रामक तरीके से फैलने वाली एक खरपतवार है जो यहाँ के आवासों, स्थानीय वनस्पत्तियों और वन्यजीवों के लिए मुश्किल का सबब बनती जा रही है … जलवायु परिवर्तन के...

कैमरा ट्रैपिंग के माहिर वनरक्षक: भैराराम बिश्नोई

"भैराराम, एक ऐसे वनरक्षक जिन्हें कैमरा ट्रैपिंग कर वन्यजीवों की गतिविधियों की निगरानी करने तथा स्कूली छात्रों को वन्यजीवों के बारे में जागरूक करने में है अटूट रूचि"। अप्रैल 2020 में, जब पूरा विश्व...

आखिर क्या होते हैं “प्राणी प्रमाण” ?

हम जब वन क्षेत्र मे जाते हैं तो उस प्राकृतिक आवास के वन्य प्राणी हमें कहीं न कहीं, किसी न किसी जैविक गतिविधि में लिप्त नजर आते हैं। हर प्राणी, हर जगह एवं हर समय दिखाई नहीं देता। प्रत्येक वन्य प्राणी...

श्रीमतीजी जो आपका आदेश: एक पीड़ित नर “बटनक्वेल”

जानते है किस प्रकार पक्षी समूह "बटनक्वेल" में नर और मादा अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियाँ निभाते है... हम सभी जानते हैं कि, पक्षी जगत में नर, मादा की अपेक्षा अधिक सुंदर और चटकीले रंगों का होता है और...

गोडावण के संरक्षण के लिए तैनात पहली महिला वनरक्षक

सुखपाली, एक ऐसी महिला वनरक्षक जिसने सुदासरी जैसे कठिन परिस्थितियों वाले क्षेत्र में अकेले रहकर उठाई गोडावण के संरक्षण की जिम्मेदारी... राजस्थान के राष्ट्रीय मरु उधान (Desert National Park) को विश्व...