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पुस्तक समीक्षा: राजस्थान के बाघों का संसार

पुस्तक का सारांश "राजस्थान के बाघों का संसार" अरावली और विंध्यांचल की अद्भुत जैव विविधता और पारिस्थितिकी पर केंद्रित एक अनूठी कृति है। यह पुस्तक न केवल बाघों के संरक्षण के महत्वपूर्ण आयामों को सामने...

राजस्थान और जलवायु परिवर्तन: संकट, संकेत और समाधान

देश का सबसे बड़ा राज्य आज सबसे बड़ी जलवायु चुनौती झेल रहा है राजस्थान, जो भारत का सबसे बड़ा राज्य है (देश के भौगोलिक क्षेत्र का 10.4%), तेज़ धूप, रेतीले टीले और ऐतिहासिक किलों के लिए तो मशहूर है,...

Pioneer Butterflies in Ranthambhore

Authors: Praveen Singh, Dharm Singh Gurjar, & Dr Dharmendra Khandal We often feel a sense of joy when a colorful butterfly flutters around our garden or home. Now imagine — what if hundreds or...

दोंगड़े के बाद उड़ान: रणथम्भौर में पायोनीर तितलियाँ

लेखक: प्रवीण सिंह, धर्म सिंह गुर्जर, एवं डॉ धर्मेंद्र खांडल  'दोंगड़े' — राजस्थान में अप्रैल-मई की शुरुआत में अचानक और अल्पकालिक रूप से होने वाली यह वर्षा — स्थानीय पारिस्थितिकी के लिए एक महत्वपूर्ण...

रंग दृष्टि: प्रत्येक जीव के लिए अलग-अलग अनुभव

बाघ और हिरण को दुनिया वैसे नहीं दिखती जैसे हमें दिखती है। प्रत्येक प्रजाति ने अपने पर्यावरण के अनुकूल रंग दृष्टि विकसित की है। हमारी आँखें प्रकाश को पहचानने और प्रोसेस करने की अनूठी प्रणाली से लैस...

काईरोप्टेरोफेजी: एक शिकारी और शिकार की कहानी

 साँप और चमगादड़, प्रकृति के दो पहरेदार! दोनों ही विचित्र, दोनों ही रहस्यमय। सांप, रेंगने वाले रहस्य के प्रतीक, भूमि के अंधेरे कोनों में छिपे रहते हैं, अपने शिकार की प्रतीक्षा करते हैं। दूसरी ओर,...

राजस्थान में पहली बार टारेंटुला मकड़ी का रिकॉर्ड: एक अद्भुत खोज

टारेंटुला मकड़ियां थेराफोसिडे परिवार से संबंधित बड़े आकार की, घने बालों वाली मकड़ियां हैं। ये दुनिया भर के गर्म क्षेत्रों में पाई जाती हैं और भारत में भी इनकी कई प्रजातियां देखी जाती हैं। राजस्थान...

रणथंभोर में बाघ संरक्षण की वर्तमान चुनौतियां

राजस्थान में बाघ संरक्षण में रणथंभोर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और यहीं से राज्य के अन्य क्षेत्रों के लिए बाघों को भेजा जा रहा है। अक्सर यह देखा गया है की राजनीतिक दबाव के कारण नए स्थापित...

पारिस्थितिकी नोट्स 1: प्राकृतिक रूप से मरे बाघों का शव क्यों नहीं मिलता?

आज कल जब भी बाघ अभयारण्य से कोई बाघ गायब होते है तो मीडिया के लोग और वन्य जीव प्रेमी वन अधिकारियों को एक कटघरे में खड़ा कर देते है की मृत बाघ का शव क्यों नहीं मिला? यह जवाब आसान नहीं है परन्तु हमें...

रणथम्भौर से गायब हुए बाघों का रहस्य

राजस्थान के मुख्य वन्यजीव संरक्षक ने रणथम्भौर से 25 बाघों के लापता होने की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया है। प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, ये बाघ दो चरणों में गायब हुए: 2024 से पहले 11...

तालछापर अभ्यारण्य में ग्रीन लिंक्स मकड़ी की नई प्रजाति

राजस्थान के चूरू जिले में स्थित तालछापर वन्यजीव अभ्यारण्य में वैज्ञानिकों ने ग्रीन लिंक्स मकड़ी की एक नई प्रजाति की खोज की है। यह खोज डॉ. विनोद कुमारी के मार्गदर्शन में शोध कार्य कर रही सीकर निवासी...

राजस्थान में पाई जाने वाली पैंसी तितलियां

प्रकृति और उसके विभिन्न जीव जंतुओं से हम हमेशा से ही आकर्षित होते रहे हैं और इन्हीं के कारण हमारे जीवन में रंगों और सुंदरता का महत्व है फिर चाहे वह रंग-बिरंगे फूलों हो या उड़ती हुई चिड़िया हो या फिर...

वल्चर सेफ ज़ोन: गिद्धों को बचाने की एक पहल

गिद्ध, हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के अभिन्न अंग हैं, जो सफाईकर्मी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, बीते कुछ दशकों में गिद्धों की आबादी में खतरनाक गिरावट आई। गिद्धों के लिए सुरक्षित...

भालू (स्लॉथ बेयर) की जीवन यात्रा

जंगल में दीमक की संख्या को नियंत्रित करने वाला पेस्ट कंट्रोल सर्विस देने वाला प्राणी होता है – भालू। असल में अधिकांश लोग मानते है की दीमक नुकसान के अलावा कुछ नहीं करता। भालू ऐसे नहीं सोचता, वह इसे...

स्याहगोश (Caracal) का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र: धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व

हाल ही में बना बाघों का नया घर - धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व, राज्य को मध्य प्रदेश से ही नहीं जोड़ता बल्कि यह स्याहगोश (caracal) का देश में सबसे उत्तम स्थान है। यह स्थान बाघों ने अपने लिए स्वयं चयन...

शीध्र व शानदार हरियाली की चाह में मरती देशज जैव विविधता

आजकल हर आदमी को जल्दी से जल्दी, सघन, सदाबहार व आकर्षक हरियाली चाहिए। आम आदमी से लेकर स्वंयसेवी संस्थाऐं, नगरपालिका, नगर परिषद्, वनविभाग व अन्य सभी  विभागों की यही चाह है। यह चाह तब और प्रबल और...

राजस्थान में ऊँटो की नस्ल में विविधता एवं उनकी संख्या

राजस्थान में ऊँटो की नस्ल में विविधता एवं उनकी संख्या सन 1900 में, तंदुरुस्त ऊंटों पर बैठ के बीकानेर राज्य की एक सैन्य टुकड़ी, ब्रिटिश सेना की और से चीन में एक युद्ध में भाग लेने गयी थी। उनका सामना,...

अनोखा आशियाना बनाने वाली क्रिमेटोगैस्टर चींटियाँ

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य में चींटियों की एक प्रजाति मिलती है जो घोंसले बनाती है जो पैगोडा मंदिरों के आकर का होता है। यह चींटियां देखने में  सामान्य काली चिंटी लगती है,...

सबसे बुद्धिमान आर्थ्रोपॉड में शामिल एक मकड़ी की बात

पोर्टिया मकड़ियाँ एक छोटी जंपिंग स्पाइडर है। जो साल्टिसिडे परिवार से संबंधित हैं। ये मकड़ी सबसे बुद्धिमान आर्थ्रोपॉड में से एक हैं। क्योंकि पोर्टिया मकड़ियाँ शिकारी का शिकारी करती हैं। वह तभी संभव...

“सांभर झील की पारिस्थितिकी पर अवैध नमक व्यापार का खतरा”

भारत के हर एक हिस्से से अंग्रेज अपना लाभ उठा रहे थे, कहीं से कॉफी, कहीं से चाय और कहीं से मसाले, राजस्थान से उन्हें आज्ञाकारी सैनिक और बुद्धिमान व्यापारी तो...

राजस्थान में मिलने वाली चमगादड़ प्रजातियां

राजस्थान में पाए जाने वाले चमगादड़ों की विविधता को संकलित करता आलेख चमगादड़ स्तनधारी प्राणियों का एक ऐसा समूह जिसे लोग सदैव हेय दृष्टि से ही देखते आये हैं।  इन्होंने भी अपने आप को हमसे दूर रखने में...

राजस्थान के एक खूबसूरत ऑर्किड का एक पेचीदा परागण

राजस्थान एक सूखा क्षेत्र है परन्तु कुछ सुंदर दिखने वाले नम क्षेत्रों के अनोखे पौधे भी यदा कदा इधर उधर मिल जाते है। इसी तरह का एक खूबसूरत ऑर्किड - ईस्टर्न मार्श हेलेबोरिन (एपिपैक्टिस वेराट्रिफ़ोलिया-...

राजस्थान में चमगादड़ की एक प्रजाति- इंडियन रॉउंड लीफ बैट की खोज

इंडियन रॉउंडलीफ बैट (हिप्पोसिडेरोस लंकादिवा) भारतीय उप-महाद्वीप में मिलने वाली एक बड़े आकार की एक कीटभक्षी चमगादड़ है, जो पहली बार राजस्थान में मिली है। यह राजस्थान के करौली जिले के कसेड नामक गुफा...

वन दुर्ग

दुर्ग :-1 सुनहरी रोशनी से दमकते जालोर के एक पहाड़ का नाम है स्वर्णगिरि जिस पर बना है एक विशाल किला - जालोर फोर्टउतना ही पुराना जितना शायद रणथम्भोर (१ हजार साल)। आज कल किले मुझे अच्छे लगते है,...

टॉडगढ़ रावली वन्यजीव अभ्यारण्य

  यह जगह अनोखी है, हर कोना प्रकृति के रंग से रंगा हुआ और इतिहास की गाथाओं से लबरेज़। यह बात उस स्थान से जुड़ी है जिसका नाम है - टॉडगढ़ रावली वन्यजीव अभ्यारण्य। यह राजस्थान के दो महत्वपूर्ण...

‘’प्रकृति  की पुकार” पुस्तक

‘’प्रकृति  की पुकार” पुस्तक एक अनुठी कृति है जो राजस्थान प्रशासनिक सेवा से जुड़े डॉ. सूरज सिंह नेगी एवम उनकी पत्नी वनस्थली विधापीठ  में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मीना सिरोला द्वारा सम्पादित की गयी है यह...