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पीवणा – एक रहस्यमय सर्प मिथक एवं वास्तविकता की कहानी

थार के रेगिस्तान में एक रहस्यमय सांप सोये हुए लोगों को बिना डसे ही मारने के लिए जाना जाता है। पीवणा कि डरावनी कहानियां सदियों से इन रेतीले इलाकों में सुनी और सुनाई जाती रही हैं। मैं और मेरे साथी इस...

कुत्तों की बढ़ती आबादी एवं वन्य-जीवों को खतरा

"कुत्ते निःसंदेह अपने जंगली रिश्तेदारों (भेड़िये एवं जंगली कुत्ते) के समान कुशल शिकारी नहीं होते परंतु फिर भी शिकार के प्रयास में वन्य जीवों को गंभीर रूप से घायल जरूर कर देते  हैं , जो अंततः अपने...

रामगढ विषधारी अभयारण्य–राजस्थान के बाघों का अनौपचारिक आशियाना

हमेशा से बाघों के अनुकूल रहा, राजस्थान का एक ऐसा क्षेत्र जो बाघ पर्यावास बनने को तैयार है लेकिन सरकारी अटकलों और तैयारियों  कि कमी के कारण आधिकारिक तौर पर बाघों से वंचित है। रामगढ़ विषधारी अभयारण्य...

पारिस्थितिक तंत्र ने बदला पंछी का रंग : ब्लैक-क्राउंड स्पैरो-लार्क एवं ऐशी-क्राउंड स्पैरो-लार्क

जाने वो कौनसे कारण है की लार्क की एक प्रजाति ऐशी-क्राउंड स्पैरो-लार्क…

तीज : लाल रंग का सूंदर रहस्यमय जीव

मानसून की कुछ बौछारो के साथ क्या यह लाल रंग का कीडेनुमा जीव भी बरसता है? मेरे स्कूल के दिनों में लगभग हम सभी के मन में यह प्रश्न रहता था…

रूफस-टेल्ड स्क्रब रॉबिन: राजस्थान में वर्षा ऋतू का मेहमान

बड़ी तादाद और विस्तृत क्षेत्र में पाए जाने वाले मानसून मार्ग प्रवासी पक्षी, रूफस-टेल्ड स्क्रब-रॉबिन अपने सुन्दर पंखो…

घड़ियालों के नए आवास की खोज

टाइगर वॉच द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में, पार्वती नदी में घड़ियालों की एक आबादी की खोज के साथ ही यह पुष्टि की गयी है की पार्वती नदी घड़ियालों के …

पंजाब रेवेन

पंजाब रेवेन, कर्ण कर्कश ध्वनि वाला विस्मयकरक पक्षी है, जिसमे इतनी विवधता पायी जाती है कि इस पर एक ‘कागशास्त्र’ कि रचना कि गई…

पैंगोलिन: अत्यंत दुर्लभ जीव की बढ़ती समस्याएं

एक नजर में दिखने पर किसी को अचम्भित कर देने वाला शर्मीले स्वभाव का वन्यजीव पैंगोलिन राजस्थान में बहुत ही कम तथा सीमित स्थानों पर पाया जाता है, इसकी दुर्लभता के कारण कभी किसी ने सोचा भी न होगा कि...

लग्गर फॉल्कन: लुप्त होता शाही शिकारी

लग्गर फाल्कन पक्षियों की दुनिया के माहिर शिकारी है जो बेहद कुशलता से अपने शिकार को पहचानने, पीछा करने और मारने में सक्षम है, राजस्थान में हम यदि इस शिकारी पक्षी को नहीं जानते तो हमारा रैप्टर्स के...

टिड्डी या लोकस्ट: दुनिया का सबसे पुराना प्रवासी कीट

टिड्डी दल का आगमन आम तो बिल्कुल नहीं है, वे एक क्रम का पालन करते हुए आते हैं। पहले, एक काफी छोटा झुंड मानो उन्हें भूमि का सर्वेक्षण करने के लिए भेजा गया हो। और फिर आती है एक ऐसी लहर जिसका सिर्फ एक...

अरावली की आभा: मामेर से आमेर तक

अरावली, थार रेगिस्तान को उत्तरी राजस्थान तक सीमित रखे और विशाल जैव-विविधता को सँजोती पर्वत श्रृंखला हिमालय से भी पुरानी मानी जाती है। इसके 800 किलोमीटर के विस्तार क्षेत्र में 20 वन्यजीव अभयारण्य...

चौसिंगा – विश्व का एकमात्र चार सींगो वाला ऐन्टीलोप

एशिया के सबसे छोटे बोविड्स में से एक फोर हॉर्नड ऐन्टीलोप अपनी असामान्य चार सींगो के कारण जहाँ एक ओर लोकप्रिय रहे तो वहीं दूसरी ओर ये इनके संकटग्रस्त होने के कारण भी बने। चौसिंगाया Four-horned...

इंडियन स्पॉटेड-क्रीपर

भारत का स्थानिक, इंडियन स्पॉटेड-क्रीपर एक दुर्लभ वृक्षीय पक्षी जो राजस्थान के शुष्क व् खुले जंगलों में खेजड़ी के पेड़ों पर गिलहरी की तरह फुदकते हुए पेड़ के तने से कीटों का सफाया करता है। इंडियन...

स्मूद कोटेड ओटर– उपेक्षित लुप्तप्राय जलमानुष

स्वस्थ नदी तंत्र के सूचक ऊदबिलाव जलीय खाद्य श्रृंखला में अहम भूमिका निभाते हैं जिसको पहचानते हुए इनके प्रति जागरूकता और संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय डाक सेवा ने अपने नियत डाक टिकट के...

जनता जैव विविधता रजिस्टर

“जनता जैव विविधता रजिस्टर “ हमारी जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान को जानने, उपयोग करने और सुरक्षित रखने के लिए एक परिवर्तनात्‍मक विकेंद्रीकृत दृष्टिकोण है, जो जैव विविधता संसाधनों और पारिस्थितिक...

घास के मैदान और शानदार बस्टर्ड प्रजातियां

भारत में मूलरूप से तीन स्थानिक (Endemic) बस्टर्ड प्रजातियां; गोडावण, खड़मोर और बंगाल फ्लोरिकन, पायी जाती हैं तथा मैकक्वीनस बस्टर्ड पश्चिमी भारत में सर्दियों का मेहमान है, परन्तु घास के मैदानों के...

अनोखी भौगोलिक संरचना: रामगढ़ क्रेटर

क्या आप जाने है राजस्थान में एक क्रेटर है जो एक विशालकाय उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने से बना है, रामगढ़ क्रेटर के नाम से प्रसिद्ध बाराँ जिले की मंगरोल तहसील से 12 किलोमीटर पूर्व दिशा में रामगढ़ गाँव...

राजपूताना मरुभूमि का स्वर्ग: माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य

माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य देश की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक, अरावली पर गुरु शिखर चोटी सहित एक बड़े पठार को आच्छादित करता हुआ रेगिस्तानी राज्य राजस्थान के सबसे अधिक देखे जाने वाले हिल...

विश्व का प्रथम बाघ पुनःस्थापन : डूंगरपुर राज्य के बाघ संरक्षण की कहानी

बोखा बाघ अब इतिहास का एक किस्सा भर लगता है, पर यह वह बाघ था जिसने डूंगरपुर राज्य में किये गए हजारो शिकारों को भुला दिया और राज्य को संरक्षण की मिशाल का अग्रणी बना दिया।  हम में से अधिकांश लोग...

सांभरझील और उसके संरक्षण से जुड़े कुछ पहलु

रेतीले धोरो, सुखी पहाड़ियों एवं कंटीली झाड़ियों से घिरी सांभर झील कई मौसमी नदियों और नालों से आये खारे जल से समृद्ध आर्द्र भूमि होने के साथ सर्दियों में विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियों का आशियाना...

राजस्थान की प्रथम कैमरा ट्रैप फोटो

क्या आपने कभी सोचा है आजादी से पूर्व में राजस्थान में कैमरा ट्रैप फोटो लिया गया था ? आइये जानिए कैमरा ट्रैप के इतिहास एवं उससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यो के बारे में… वन्यजींवों के संरक्षण में वन्यजींवों...

इंडियन स्किमर्स: पानी की सतह को चीरता पनचीरा

पनचीरा कलाबाजी खाते हुए और करीने से  पानी को चीरते हुए मछली का शिकार कर यह सिद्ध कर देता है की वह एक अचूक और माहिर शिकारी है और हर समय अद्वितीयरूप से विजित ही रहेगा, पर मानवीय हस्तक्षेप के चलते यह...

शेरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य: ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक धरोहर

राजस्थान में विंध्यन पर्वतमाला कि वन पट्टिका के अंतिम वन खंड के रूप में स्थित शेरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य ऐतिहासिक घटनाओं और प्राकृतिक सौन्दर्य को संजोये बारां जिले  का एक मात्र और राजस्थान का एक...

राजस्थान में पीले पुष्प वाले पलाश

फूलों से लदे पलाश के पेड़, यह आभास देते हैं मानो वन में अग्नि दहक रही है I इनके लाल केसरी रंगों के फूलों से हम सब वाकिफ हैं, परन्तु क्या आप जानते है पीले फूलों वाले पलाश के बारे में ? पलाश (Butea...

साँड़ा: मरुस्थलीय भोज्य श्रृंखला का आधार

साँड़ा, पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तान में पायी जाने वाली छिपकली, जो मरुस्थलीय खाद्य श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है परन्तु आज अंधविश्वास और अवैध शिकार के चलते इसकी आबादी घोर संकट का सामना...

विकास के साथ प्रकृति संरक्षण: बीकानेर राज्य

ये कहानी है राजस्थान के मरुस्थल क्षेत्र में स्थित एक जिले - बीकानेर की जो कभी एक स्वतंत्र राज्य था, जिसके विकासोन्मुखी शासक ने वर्षो पहले पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की एक अनूठी मिसाल पेश...

सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य – राजस्थान के विशिष्ट वन्यजीवों का पवित्र उपवन

कांठल प्रदेश में सागवान वनों से आच्छादित, तीन विभिन्न भूमि संरचनाओं (अरावली, विंध्यन और मालवा) के संगम पर भव्य हरी-भरी घाटियों, नदियों और विशिष्ट वन्यजीवों को संरक्षित करता सीतामाता शुष्क राजस्थान...

खर्चिया गेंहू: पाली- मारवाड़ की खारी मिट्टी में उगने वाले लाल गेंहू

खर्चिया, पाली जिले की खारी मिट्टी में उगने वाला लाल गेंहू जिसने राजस्थान के एक छोटे से गाँव "खारची" को पुरे विश्व में प्रसिद्धि दिलवाई। राजस्थान के पाली जिले में किसानों के साथ काम करने के दौरान...

संकटापन्न प्रजातियों की शरणस्थली: भैंसरोडगढ़ अभयारण्य

राजस्थान के प्रसिद्ध इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड ने भैंसरोडगढ़ को “राजस्थान के स्वर्ग” की संज्ञा दी और कहा की “अगर मुझे राजस्थान में कोई जागीर दी जाये और उसे चुनने का विकल्प दिया जाये तो वह जगह...

थार मरुस्थल का कंकरनुमा मेंटिस

मार्च महीने की एक सुबह थार के मरुस्थल में मैंने एक शानदार मरुस्थलीय पक्षी ग्रेटर हूपु लार्क (Alaemon alaudipes) देखा जो कभी शिकार की तलाश में 'मगरे' पर इधर उधर उड़ रहा था, तो कभी अपनी लम्बी...

बांडी : राजस्थान में मिलने वाले सॉ-स्केल्ड वाइपर की एक भिन्न उपप्रजाति

श्री विवेक शर्मा एक सर्प विशेषज्ञ हैं जिन्होंने कई प्रकार के सर्पों एवं उनसे जुड़े विषयों पर विस्तृत शोध किया है, प्रस्तुत लेख में श्री शर्मा ने सॉ-स्केल्ड वाइपर सांप के एकिस वर्ग की उप प्रजाति...

दक्षिणी राजस्थान में मिलने वाली उड़न गिलहरी

सामान्यतया शुष्क माना जाने वाला राज्य राजस्थान विविध वन्यजीवों एवं वनस्पतियों से सम्पन्न है। इस लेख में राजस्थान के दक्षिणी हिस्सों में पायी जाने वाली उड़न गिलहरी के बारे में बताया गया है। वैसे तो...